hanuman chalisa Secrets
hanuman chalisa Secrets
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Wonderful hero, You might be as mighty for a thunderbolt. You clear away evil intellect and therefore are the companion of All those owning great types.
चिन्टू सेवक द्वारा गाया हनुमान चालीसा
Power: Hanuman is terribly strong, a person able to lifting and carrying any burden for a cause. He is termed Vira, Mahavira, Mahabala and various names signifying this attribute of his. Through the epic war among Rama and Ravana, Rama's brother Lakshmana is wounded. He can only be healed and his Loss of life prevented by a herb located in a certain Himalayan mountain.
व्याख्या – श्री हनुमान जी को उनकी स्तुति में श्री लक्ष्मण–प्राणदाता भी कहा गया है। श्री सुषेण वैद्य के परामर्श के अनुसार आप द्रोणाचल पर्वत पर गये, अनेक व्यवधानों एवं कष्टों के बाद भी समय के भीतर ही संजीवनी बूटी लाकर श्री लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा की। विशेष स्नेह और प्रसन्नता के कारण ही किसी को हृदय से लगाया जाता है। अंश की पूर्ण परिणति अंशी से मिलने पर ही होती है, जिसे श्री हनुमन्तलाल जी ने चरितार्थ किया।
व्याख्या – श्री हनुमान जी की चतुर्दिक प्रशंसा हजारों मुखों से होती रहे ऐसा कहते हुए भगवान् श्री राम जी ने श्री हनुमान जी को कण्ठ से लगा लिया।
गोस्वामी तुलसीदास की श्री हनुमान जी से भेंट: सत्य कथा
भावार्थ – हे महावीर! आप वज्र के समान अंगवाले और अनन्त पराक्रमी हैं। आप कुमति (दुर्बुद्धि) का निवारण करने वाले हैं तथा सद्बुद्धि धारण करने वालों के संगी (साथी, सहायक) हैं।
मुक्ति के चार प्रकार हैं – सालोक्य, सामीप्य, सारूप्य एवं सायुज्य। यहाँ प्रायः सालोक्य read more मुक्ति से अभिप्राय है।
असुर निकन्दन राम दुलारे ॥३०॥ अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता ।
भावार्थ – माता जानकी ने आपको वरदान दिया है कि आप आठों प्रकार की सिद्धियाँ (अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व) और नवों प्रकार की निधियाँ (पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुकुन्द, कुन्द, नील, खर्व) प्रदान करने में समर्थ होंगे।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥
सत्संग के द्वारा ही ज्ञान, विवेक एवं शान्ति की प्राप्ति होती है। यहाँ श्री हनुमान जी सत्संग के प्रतीक हैं। अतः श्री हनुमान जी की आराधना से सब कुछ प्राप्त हो सकता है।
बालाजी आरती
The Hanuman Chalisa can ideally be go through or recited in early mornings and evenings, exclusively ahead of or throughout sunrise, and during or following sunset. You can even recite it all through your day by day commute to operate (like me) or in advance of about to snooze in the evening.